*किसानों पर अब महंगाई का संकट**मोदी सरकार के निर्णय से किसानों को आर्थिक चोट मिल रही है**मोदी सरकार के राज में आय दुगुना नहीं हुआ बल्कि उत्पादन लागत दुगुना हो गया है**पाटन जनपद सदस्य खिलेश मारकंडे ने कहा*
*किसानों पर अब महंगाई का संकट*
*मोदी सरकार के निर्णय से किसानों को आर्थिक चोट मिल रही है*
*मोदी सरकार के राज में आय दुगुना नहीं हुआ बल्कि उत्पादन लागत दुगुना हो गया है*
*पाटन जनपद सदस्य खिलेश मारकंडे ने कहा*
सेलुद*****पाटन जनपद सदस्य खिलेश मारकंडे ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। अब मोदी सरकार के निर्णय ने उन्हें आर्थिक चोट दी है। संकट में फंसे अन्नदाताओं को अब डीएपी खाद महंगे दामो में खरीदना पड़ेगा ।
महंगे होते रासायनिक खाद के दाम से अब किसानों की लागत में भारी बढ़ोतरी होना तय है। पेट्रोल-डीजल के बाद मंहगी के बाद अब खाद महंगा होने से खेती अब घाटे का सौदा बन रही है, लगातार रासायनिक उर्वरक खाद के भाव में बढ़ोतरी हो रही है। बात तो किसानों की आय दोगुनी करने की थी, इसके उलट आय दोगुनी तो नहीं हुई, बल्कि किसानों की लागत में बढ़ोतरी की जा रही है। अब बढ़े हुए रासायनिक खाद की कीमतों से किसान आक्रोशित हैं। बढ़े हुए दाम तत्काल वापस लेना चाहिए।
साल 2014 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुना करने का वादा करते थे। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग एक साल से आंदोलन कर रहे । लेकिन ऐसे में अब उर्वरकों की कीमतों में इजाफा कर दिया है। देश में किसान युरिया डीएपी और पोटाश खाद का उपयोग खेती के लिए करते लेकिन खाद के दामो में लगातार वृद्धि कर रहे है ।
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