*स्वामी विवेकानन्द जयंती पर आनलाइन संगोष्ठी का आयोजन हुआ*
स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर स्वामी विवेकानंद विचार मंच द्वारा ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरुआत मंच के अध्यक्ष हेमंत मढ़ रिया एवं श्रीमती सपना मढ़ रिया ने स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ किया गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए देवेंद्र कुमार बंछोर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद महामानव थे जिन्होंने विदेशों में भी भारतीय संस्कृति को स्थापित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया स्वामी विवेकानंद जी की अनुयायी किरण बाला वर्मा ने कहा की मनुष्य इसलिए दुख पाता है कि वह अज्ञानी है विवेकानंद जी ने मनुष्य के भीतर छिपे हुए अज्ञानता को दूर करने पर जोर दिया कृष्ण कुमार धुरंधर ने कहा की विवेकानंद जी के विचारों को आत्मसात कर हम जीवन जीने की कला सीख सकते हैं श्री ललित बिजोरा ने कहा कि बालमुकुंद मढ़ रिया ने अपने वक्तव्य में स्वामी जी को भारत का सच्चा संत निरूपित किया खिलेश वर्मा ने कहा कि ऐसे व्यक्तित्व का " अवतरण"कभी कभार ही होता है। जो अपना संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा में लगा दे किरण चंद्राकर ने कहा विवेकानंद जी का विचार था कि जो असफलता से डरता है वह व्यक्ति मृतक समान है इसलिए हमें सदैव संघर्ष करना चाहिए मनोज कश्यप ने कहा कि हमें स्वामी जी के बताएं पथ का अनुसरण करना चाहिए गोष्ठी का संचालन हेमंत मढ़ रिया एवं आभार प्रदर्शन ललित बिजौरा ने किया।
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